आज की वास्तविकता यह है कि कोई भी ईमानदारी से प्रयास करना ही नहीं चाहता है.
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अपनी आदत से मजबूर पाकिस्तान शांति के क्षेत्र में कोई कार्यवाही करना ही नहीं चाहता है.
3.
इमानदारी और जबावदारी से कोई कम करना ही नहीं चाहता है देश भावना दूर तक नहीं दिखाई देती है!
4.
देखिए कोई भी राजनीतिक दल किसानों की समस्याएं हल करना ही नहीं चाहता है, नेता सोचते हैं जब तक समस्याएं हैं तभी तक उनकी ड्योढ़ी पर भीड़ जुटेगी।
5.
मैं नितीश विरोध नहीं लिख रहा परन्तु नितीश और लालू मैं दुरी बहुत ज्यादा का नहीं है-एक बोल कर काम नहीं करता दुसरा काम करना ही नहीं चाहता है)
6.
पूरी परिस्थिति को देखते हुए एक बात तो तय ही है कि आने वाले समय में दूध और मांस दोनों के संकट से प्रदेश और देश को जूझना ही पड़ेगा क्योंकि आज कोई भी इस मसले पर कुछ ठोस करना ही नहीं चाहता है.
7.
जहां आपके इरादे नेक होते हैं वहां बिना किसी पद्धति के भी उम्दा काम हो जाते हैं, और जहां इरादे नेक नहीं होते हैं वहां बेचारी पद्धति भी क्या कर लेगी? यह बात कहने में भले ही खराब लगे, लेकिन मुझे तो लगता है कि हमारे देश में कोई काम करना ही नहीं चाहता है.
8.
भारत सरकार नें तो केवल पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब करके अपना लिखित विरोध दर्ज करवाकर इतिश्री कर ली लेकिन पाकिस्तान सरकार नें हमारे उच्चायुक्त को तलब करके लिखित विरोध तो किया ही साथ में दोनों देशों के व्यापार, अमन बस सेवा पर रोक लगा दी तथा सीमा पर सेना का जमावड़ा भी बढ़ा दिया! जिससे यह लगा कि भारत कोई कारवाई करना ही नहीं चाहता है!
9.
इस गिरोह ने जिस तरह से लखनऊ के भारत संचार निगम निगम के कार्यालय में अपनी पहुँच बनाई और वहां से आम उपभोक्ताओं की आईडी की फोटो कॉपी पर बड़ी संख्या में सिम भी निकाले और उन्हें २ हज़ार तक की कीमत वसूलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेचा उससे यही लगता है कि देश में कानूनों के होने से कोई अंतर नहीं पड़ता है और कोई भी इन कानूनों का सही ढंग से अनुपालन करना ही नहीं चाहता है.